
Jai Shree Krishna
जय श्री कृष्ण 🙏🏻 ध्यायतो विषयान्पुंसः सङगस्तेषुपजायते। सङगत्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते भावार्थ : इस श्लोक का अर्थ है: विषयों (वस्तुओं) के बारे में सोचते रहने से मनुष्य को उनसे आसक्ति हो जाती है। इससे उनमें
जय श्री कृष्ण 🙏🏻 ध्यायतो विषयान्पुंसः सङगस्तेषुपजायते। सङगत्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते भावार्थ : इस श्लोक का अर्थ है: विषयों (वस्तुओं) के बारे में सोचते रहने से मनुष्य को उनसे आसक्ति हो जाती है। इससे उनमें
योगयुक्तो विशुद्धात्मा विजितात्मा जितेन्द्रियः । सर्वभूतात्मभूतात्मा कुर्वन्नपि न लिप्यते ।। जो भक्तिभाव से कर्म करता है, जो विशुद्ध आत्मा है और अपने मन तथा, इन्द्रियों को वश में रखता है, वह सभी को प्रिय
Govardhan Puja is celebrated with utmost devotion and joy by the devotees of Lord Krishna. This festival is celebrated the next day after the festival of Diwali, Govardhan Puja is observed. It represents the
समय से सब कुछ मिलता है समय से पूर्व की चाहत ही दुख का कारण बनती है।
नर्क के तीन द्वार हैं : वासना, क्रोध और लोभ ।
“A person can rise through the efforts of his own mind; or draw himself down, in the same manner. Because each person is his own friend or enemy.”-Bhagavad Gita Lord Krishna was an important