हरे कृष्णा

रुद्राणां शङ्करश्चास्मि वित्तेशो यक्षरक्षसाम्। वसूनां पावकश्चास्मि मेरुः शिखरिणामहम् ॥ रुद्रों में मुझे शंकर जानो, यक्षों में मैं कुबेर हूँ, वसुओं में मैं अग्नि हूँ और पर्वतों में मेरु हूँ।   #jaishreekrishna #krishna #harekrishna #krishnaji

जय श्री कृष्णा

विहाय कामान्यः सर्वान्पुमांश्चरति निःस्पृहः । निर्ममो निरहङ्कारः स शान्तिमधिगच्छति ॥ 71 || जिस मनुष्य ने अपनी सभी भौतिक इच्छाओं का परित्याग दिया हो और इन्द्रिय तृप्ति की लालसा, स्वामित्व के भाव और अहंकार से

Jai Shree Krishna

समय से सब कुछ मिलता है समय से पूर्व की चाहत ही दुख का कारण बनती है। 

Jai Shri Krishna

जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च। तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि । । २. २७ । जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है. इसलिए जो होना हीं है उस पर शोक मत