
Jai Shree Krishna
जय श्री कृष्ण 🙏🏻 ध्यायतो विषयान्पुंसः सङगस्तेषुपजायते। सङगत्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते भावार्थ : इस श्लोक का अर्थ है: विषयों (वस्तुओं) के बारे में सोचते रहने से मनुष्य को उनसे आसक्ति हो जाती है। इससे उनमें
जय श्री कृष्ण 🙏🏻 ध्यायतो विषयान्पुंसः सङगस्तेषुपजायते। सङगत्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते भावार्थ : इस श्लोक का अर्थ है: विषयों (वस्तुओं) के बारे में सोचते रहने से मनुष्य को उनसे आसक्ति हो जाती है। इससे उनमें
“A person can rise through the efforts of his own mind; or draw himself down, in the same manner. Because each person is his own friend or enemy.”-Bhagavad Gita Lord Krishna was an important
जातस्य हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च। तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि । । २. २७ । जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है. इसलिए जो होना हीं है उस पर शोक मत