Navratri Day 9: 23 October
मां दुर्गा की नौवीं एवं आखरी स्वरुप माता सिद्धिदात्री है। नवरात्रि के नौवें दिन को महानवमी के रूप में मनाया जाता है। माता को अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्राकम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हैं। माता ने यह स्वरूप असुरों का संहार करने के लिए लिया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागण भगवान शिव और भगवान विष्णु के पास पहुंचे। तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ और उसी तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ, जिसे मां सिद्धिदात्री कहा जाता है। सिद्धिदात्री माता कमल पर बैठती हैं। माता के इस रूप की पूजा मानव ही नहीं बल्कि सिद्ध, गंधर्व, यक्ष, देवता और असुर भी करते हैं।
माँ सिद्धिदात्री मंत्र :-
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
अर्थात :-
अर्थ : हे मां! सर्वत्र विराजमान और मां सिद्धिदात्री के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको हमारा प्रणाम हे मां, हमें अपनी कृपा का पात्र बनाओ।