Navratri Day 2: Mata Brahmacharini Mantra
नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। ब्रह्मचारिणी का स्वरूप ज्योर्तिमय है। यह मां दुर्गा की दूसरी स्वरूप जानी जाती है। मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा ने ब्रह्मचारिणी के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया और महर्षि नारद के उपदेश के बाद अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। हजारों वर्षों तक अपनी कठिन तपस्या के कारण ही इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा। उन्हें त्याग और तपस्या की देवी माना जाता है।
माता ब्रह्मचारिणी ध्यान मंत्र :-
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
अर्थात :-
जिनके एक हाथ में अक्षमाला है और दूसरे हाथ में कमण्डल है, ऐसी उत्तम ब्रह्मचारिणीरूपा मां दुर्गा हम सभी पर कृपा करें।