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जय श्री कृष्णा

विहाय कामान्यः सर्वान्पुमांश्चरति निःस्पृहः । निर्ममो निरहङ्कारः स शान्तिमधिगच्छति ॥ 71 || जिस मनुष्य ने अपनी सभी भौतिक इच्छाओं का परित्याग दिया हो और इन्द्रिय तृप्ति की लालसा, स्वामित्व के भाव और अहंकार से

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